जानिए आम आदमी पार्टी के मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार आलोक अग्रवाल के बारे सब कुछ

 आप के सीएम पद के दावेदार आलोक अग्रवाल की कुल संपत्ति है 24 हजार रुपए
तीन आपराधिक मामले: तीनों मामलों में जनता के सवाल उठाए, तो लगा दिए गए केस
आईआईटी कानपुर के 1989 बैच के कैमिकल इंजीनियर हैं आलोक अग्रवाल
विस्थापितों को 5 हजार करोड़ का मुआवजा दिलाने वाले आलोक खुद हैं फकीर: पंकज सिंह

भोपाल, 6 नवंबर।आम आदमी पार्टी ने देश में जिस तरह की राजनीति को आगे बढ़ाया है और पार्टी के नेता जिस ईमानदार और सादी राजनीति का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसका उदाहरण मध्य प्रदेश में भी आप के विधानसभा प्रत्याशियों में दिखाई देता है। मध्य प्रदेश में आप के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के दावेदार आलोक अग्रवाल ने दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से अपना नामांकन भरा है और हलफनामे के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 24 हजार 495 रुपए है। इसमें से कुल 2000 रुपए उनके पास नकद हैं, जबकि एसबीआई की हबीबगंज शाखा के उनके बैंक अकाउंट में 22 हजार 495 रुपए जमा हैं। इसके अलावा आलोक के पास कोई संपत्ति नहीं है। न घर, न गाड़ी, न जमीन, न जेवर, न अन्य तरह की कोई और संपत्ति। गौरतलब है कि आप के प्रदेश अध्यक्ष अविवाहित हैं। *(पूरा हलफनामा संलग्न है)*

नामांकन की जानकारी देते हुए आप के प्रदेश संगठन मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि नर्मदा आंदोलन के करीब 5 लाख विस्थापितों को 5 हजार करोड़ रुपए का मुआवजा दिलाने वाले आलोक अग्रवाल खुद एक फकीर हैं और उनके पास जमापूंजी के नाम पर महज 24 हजार रुपए हैं। यह ईमानदार राजनीति और जनसेवा की वह मिसाल है, जिससे आम आदमी पार्टी की नींव बनी है। आज जब यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में पढ़े-लिखे लोगों की कमी है और उच्च शिक्षित लोगों को आगे आना चाहिए। ऐसे में आप के प्रदेश अध्यक्ष एक उदाहरण हैं। वे आईआईटी कानपुर से 1989 बैच के कैमिकल इंजीनियर हैं। समझा जा सकता है कि तीन दशक पहले कैमिकल इंजीनियरिंग का कितना महत्व था। वे लाखों की सैलरी पर कोई भी देशी-विदेशी कंपनी ज्वाइन कर सकते थे और एक आराम की जिंदगी बसर कर सकते थे, लेकिन उन्होंने समाजसेवा को चुना और लगातार तीन दशक से लोगों के बीच हैं।

अगर आपराधिक मामलों की बात की जाए तो आलोक अग्रवाल के खिलाफ तीन मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। दिलचस्प यह है कि यह तीनों मामले जनता के सवालों पर खड़े होने के लिए उन पर लादे गए हैं। पहले मामले में एक महिला ने एक पुलिसकर्मी की प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। उक्त महिला के परिवार के आग्रह पर आलोक अग्रवाल, महिला के भाई, बहन व बच्चों के साथ गांधी नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने गए थे, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 353, 332, 341, 427, 109 के तहत आलोक अग्रवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

दूसरे मामले में आलोक अग्रवाल के खिलाफ धारा 147, 149, 294, 353, 332 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। यह मुकदमा उन पर तब दर्ज किया गया, जब वे आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष के नाते किसानों की स्थिति जानने के लिए भोपाल की करोंद मंडी में किसानों से बात करने गए थे। एक अन्य मामले में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर वे मध्य प्रदेश में 2 करोड़ रुपए के बिजली घोटाले पर कार्रवाई का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपने जा रहे थे, तब रास्ते में उन्हें गिरफ्तार किया गया और धारा 353, 332, 147, 149 और 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।


Comments