गोरमी- विश्व मानवाधिकार परिषद के युवा प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट अर्पित मुद्गल ने गोरमी नगर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मानवाधिकार से तात्पर्य व्यक्ति के ऐसे अधिकारो से है जो जीवन स्वतंत्रता , समता एवं गरिमा से सम्बन्ध्ति है तथा संविधान द्वारा अथवा अंतर्राष्ट्रीय प्रसविदातओं द्वारा प्रत्यामूल किये गये हैं तथा भारतीय न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय है ।
मानवाधिकार की उपयुक्त परिभाषा का विश्लेषण किया जाये तो इसके निम्लिखित अवयव प्राप्त होते हैं। यह अधिकार व्यक्ति के जीवन,स्वतंत्रता,समानता एवं गरिमा से सम्बन्ध्ति हैं।यह अधिकार भारतीय संविधान द्वारा प्रस्तावित किये गए हैं या फिर यह अधिकार अन्तर्राष्ट्रीय प्रसविदाताओ द्वारा प्रत्याभूत किये गये है तथा ये अधिकार भारतीय न्यायालयों द्वारा परिवर्तनीय हैं ।
उपरोक्त अधिकारों का हनन जिस व्यक्ति का होता है उस व्यक्ति को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मानवाधिकारसंरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 18 (3) अंतर्गत क्षतिपूर्ति की अनुशंसा कर सकता है । जो इस प्रकार है कि धारा 18 (3)के अंतर्मागत अंतरिम क्षतिपूर्ति हेतु अनुशंसा करने की शक्ति मानवाधिकार हनन के मामलों में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का लक्ष्य केवल दोषी व्यक्तियों को दंडित कराना ही नहीं होता है अपितु उसका लक्ष्य पीडित एवं क्षुब्ध् व्यक्तियों को तत्काल राहत प्रदान कराना भी होता है । कई ऐसे मामले होते है जिनमें पीड़ित व्यक्तियों को तत्काल अन्तरिम सहायता की आवश्यकता होती है । राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग परिषद की जांच के पशचात यदि इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि मानवाधिकार का हनन हुआ है तो पीडित एवं क्षुब्ध् व्यक्ति को तत्काल अंतरिम क्षतिपूर्ति प्रदान करने हेतु धारा 18 के खण्ड (3) के अन्तर्गत सम्बन्ध्ति सरकार अथवा प्राधिकारी से अनुसशंसा कर सकता है।
गोरमी नगर में बार्ड क्रमांक 12 में विश्व मानव अधिकार परिषद की यह मीटिंग संम्पन हुई। जिसमें मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल हमीद विशिष्ट अथिति युवा प्रदेश अध्यक्ष अर्पित मुदगल , कानूनी सलाहकार प्रसुन्न थापक, शिक्षा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुभाष यादव, रेशमा खान, मनोज जैन ,धर्मेंद्र तिर्वेदी , गब्बर सिंह गुर्जर रणवीर सिंह ,शतीश अग्रवाल ,इमरान अली खान, मुन्ना खान सहित लगभग एक सैकड़ा लोग उपस्थति रहे।
विश्व मानव अधिकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल हमीद ने
सभी पदधिकारियों से मानव जाति पर हो रहे अन्याय के खिलाफ अंकुश लगाने व मानव जाति के उत्थान के लिए पहल कर शिक्षा के क्षेत्र में समाज मे जागृति करने की जिम्मेदारी भी सौंपी । समाज के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से विचार विमर्श भी किया गया। इस कार्यक्रम के अंत मे अमृतसर के धोबी घाट पर हुए रेल हादसे में मृतजनों की आत्मशांति हेतु दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि भी दी गई । परिषद कार्यकर्ताओं ने रावण दहन के अवसर पर मासूम ओर बेगुनाह को मौत के मुंह मे काल कवलित होने वाली घटना की कड़ी निदा की।
फ़ोटो:- मोन धारण कर श्रदांजलि अर्पित करते हुए विश्व मानव अधिकार परिषद के सदस्य गण ।
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